यजुर्वेद (अध्याय 23)
वा॒युष्ट्वा॑ पच॒तैर॑व॒त्वसि॑तग्रीव॒श्छागै॑र्न्य॒ग्रोध॑श्चम॒सैः श॑ल्म॒लिर्वृद्ध्या॑। ए॒ष स्य रा॒थ्यो वृषा॑ प॒ड्भिश्च॒तुर्भि॒रेद॑गन्ब्र॒ह्मा कृ॑ष्णश्च नोऽवतु॒ नमो॒ऽग्नये॑ ॥ (१३)
वायु हमें परिपक्वता प्रदान करे. वायु काली गरदन वाली अग्नि दे. वटवृक्ष चमस प्रदान करे. शाल्मली वृक्ष (सेमल) बढ़ोतरी प्रदान करे. यह शक्तिमान, सर्वव्यापक, आनंददायक है. अग्नि चारों चरणों में जीवों को पोसें व अग्नि आगमन की कृपा करें. बिना काले यानी सफेद अश्व हमारी रक्षा करने की कृपा करें. अग्नि के लिए नमस्कार. (१३)
May the wind give us maturity. Give the air a agni with a black neck. Banyan tree should provide chamas. Shalmali tree (semal) should provide growth. It is powerful, omnipresent, enjoyable. The agni nurtures the creatures in the four stages and please come to the agni. Please protect us without black i.e. white horse. Hello to the agni. (13)