यजुर्वेद (अध्याय 23)
द्यौरा॑सीत् पू॒र्वचि॑त्ति॒रश्व॑ऽआसीद् बृ॒हद्वयः॑।अवि॑रासीत् पिलिप्पि॒ला रात्रि॑रासीत् पिशङ्गि॒ला ॥ (५४)
सब से पहले स्वर्गलोक को जानना चाहिए. सब से बड़ा पक्षी अग्नि रूपी अश्व है. पृथ्वी सब से अधिक रूपों को निगलने वाली है. रात्रि सभी रूपों को निगल जाने वाली होती है. (५४)
One should first know paradise. The biggest bird is the agni-like horse. The earth is going to swallow more forms than all. Night is going to swallow all forms. (54)