हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 26.23

अध्याय 26 → मंत्र 23 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
तवा॒यꣳ सोम॒स्त्वमेह्य॒र्वाङ् श॑श्वत्त॒मꣳ सु॒मना॑ऽअ॒स्य पा॑हि।अ॒स्मिन् य॒ज्ञे ब॒र्हिष्या नि॒षद्या॑ दधि॒ष्वेमं ज॒ठर॒ऽइन्दु॑मिन्द्र ॥ (२३)
हे इंद्र! आप हमारे यज्ञ में पधारिए और कुश के आसन पर विराजिए. यह आप के पीने योग्य सोमरस है. आप आनंदपूर्वक उसे पीजिए. आप अच्छे मन से उस की रक्षा कीजिए. (२३)
O Indra! You come to our yajna and sit on the seat of Kush. This is your drinkable somers. You drink it happily. You protect him with a good heart. (23)