यजुर्वेद (अध्याय 27)
नि॒युत्वा॑न् वाय॒वा ग॑ह्य॒यꣳ शु॒क्रोऽ अ॑यामि ते। गन्ता॑सि सुन्व॒तो गृ॒हम् ॥ (२९)
हे वायु! शुक्र ग्रह आप को धारण करना चाहते हैं. आप अपने घोड़े रथ में जोतिए. आप हमारी सुनिए. शीघ्र गंतव्य (यजमान के घर) की ओर पधारिए. (२९)
O wind! Venus wants to hold you. You plough your horse in the chariot. You listen to us. Rush to the destination (host's house). (29)