यजुर्वेद (अध्याय 29)
तव॒ शरी॑रं पतयि॒ष्ण्वर्व॒न्तव॑ चि॒त्तं वात॑ऽइव॒ ध्रजी॑मान्। तव॒ शृङ्गा॑णि॒ विष्ठि॑ता पुरु॒त्रार॑ण्येषु॒ जर्भुराणा चरन्ति ॥ (२२)
हे अर्वन! आप का शरीर ऊपर की ओर जाने वाला है. चित्त वायु जैसा गतिशील है. आप की पताकाएं जंगलों में दावानल के रूप में विचर रही हैं. (२२)
O Arvan! Your body is going to go upwards. The mind is as dynamic as the air. Your flags are roaming in the forests as wildagnis. (22)