यजुर्वेद (अध्याय 3)
सो॒मान॒ꣳ स्वर॑णं कृणु॒हि ब्र॑ह्मणस्पते। क॒क्षीव॑न्तं॒ यऽऔ॑शि॒जः ॥ (२८)
हे ब्रह्मणस्पति! आप सोम का सेवन करने वालों को प्रकाशमान कीजिए. जैसे उशीज के पुत्र कक्षीवान को आप ने महिमावान बनाया, वैसे ही आप हमें भी महिमावान बनाने की कृपा कीजिए. (२८)
O Brahmanaspati! You light up those who consume Som. Just as you glorified Ushiz's son, So please make us glorious too. (28)