हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 30.2

अध्याय 30 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
तत्स॑वि॒तुर्वरे॑ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त् ॥ (२)
हे सविता देव! आप बरेण्य और देवताओं के लिए सौभाग्य धारते हैं. आप हमारी बुद्धि को भी प्रेरित करने की कृपा कीजिए. (२)
O Savita Dev! You have good fortune for the gods and goddesses. Please inspire our intellect too. (2)