हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 33.10

अध्याय 33 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
विश्वे॑भिः सो॒म्यं मध्वग्न॒ऽइन्द्रे॑ण वा॒युना॑।पिबा॑ मि॒त्रस्य॒ धाम॑भिः ॥ (१०)
हे अग्नि! आप इंद्र देव, वायु, मित्र देव व सभी देवताओं के साथ आइए. आप इन सब के साथ मधुर सोमरस का पान करने की कृपा कीजिए. (१०)
O agni! You come with Indra Dev, Vayu, Mitra Dev and all the gods. Please drink sweet somers with all this. (10)