हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 33.31

अध्याय 33 → मंत्र 31 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
उदु॒ त्यं जा॒तवे॑दसं दे॒वं व॑हन्ति के॒तवः॑।दृ॒शे विश्वा॑य॒ सूर्य्य॑म् ॥ (३१)
सूर्य सब को प्रकाशित करने वाले, सब कुछ जानने वाले व सारे विशव को देखने में समर्थ हैं. वे ऊर्ध्वगामी पताका बहन करते हैं. (३१)
The sun illuminates everyone, knows everything and is able to see all the world. They do the upward flag sister. (31)