हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 33.65

अध्याय 33 → मंत्र 65 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
आ तू न॑ऽइन्द्र वृत्रहन्न॒स्माक॑म॒र्द्धमा ग॑हि।म॒हान् म॒हीभि॑रू॒तिभिः॑ ॥ (६५)
हे इंद्र देव! आप वृत्रासुर नाशक व संरक्षणधर्मा हैं. आप हमारे पास पधारिए. आप अपनी महान्‌ महिमा और रक्षाओं के साथ पधारने की कृपा कीजिए. (६५)
O Indra Dev! You are the destroyer and protector of the universe. You come to us. Please come with your great glory and protections. (65)