यजुर्वेद (अध्याय 34)
प्रा॒त॒र्जितं॒ भग॑मु॒ग्रꣳ हु॑वेम व॒यं पु॒त्रमदि॑ते॒र्यो वि॑ध॒र्त्ता।आ॒ध्रश्चि॒द्यं मन्य॑मानस्तु॒रश्चि॒द् राजा॑ चि॒द्यं भगं॑ भ॒क्षीत्याह॑ ॥ (३५)
हम प्रातःकाल में अदिति देव का आह्वान करते हैं. वे विजेता, सौभाग्यवान, उग्र व संसार के धारक हैं. यह कहा गया है कि धनवान, गरीब, रोगी, राजा कोई भी हो वे अभीष्ट मनोकामना सिद्धिहेतु सूर्य की उपासना (आराधना) करते हैं. (३५)
We invoke Aditi Dev in the morning. He is the conqueror, the fortunate, the holder of the fierce world. It has been said that whoever the rich, the poor, the patient, the king is, they worship the desired wish Siddhihetu Sun. (35)