हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 36.3

अध्याय 36 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
भूर्भुवः॒ स्वः। तत्स॑वि॒तुर्वरे॑ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त् ॥ (३)
परमात्मा स्वयंभू, प्राणदायी व स्वयं प्रकाशवान हैं. वे सविता देव वरेण्य और सौभाग्यदायौ हैं. हम उन का ध्यान करते हैं. वे हमारी बुद्धियों को प्रेरित करने की कृपा करें. (३)
God is self-sufficient, life-giving and self-enlightening. They are Savita Dev Varenya and Saubhagyadayau. We pay attention to them. May they please inspire our intellects. (3)