यजुर्वेद (अध्याय 6)
मा भे॒र्मा संवि॑क्था॒ऽऊर्जं॑ धत्स्व॒ धिष॑णे वी॒ड्वी स॒ती वी॑डयेथा॒मूर्जं॑ दधाथाम्। पा॒प्मा ह॒तो न सोमः॑ ॥ (३५)
हे सोम! आप का रस निकालते समय आप को पत्थरों से कूटा जाता है. आप उस से भयभीत मत होइए. आप चंद्रमा जैसे शीतल और समर्थ हैं. आप सब के पाप और कपट दूर करने की कृपा कीजिए. (३५)
O Mon! While extracting your juice, you are crushed with stones. Don't be afraid of that. You are as cool and capable as the moon. Please remove all your sins and deceit. (35)