हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 8.32

अध्याय 8 → मंत्र 32 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
म॒ही द्यौः पृ॑थि॒वी च॑ नऽइ॒मं य॒ज्ञं मि॑मिक्षताम्। पि॒पृ॒तां नो॒ भरी॑मभिः ॥ (३२)
महान्‌ पृथ्वी, स्वर्गलोक इस यज्ञ की रक्षा करने की कृपा करें. धन पिपासुओं (प्यासों) को भरपूर धन प्रदान करने की कृपा कीजिए. (३२)
May the great earth, heaven, be pleased to protect this yajna. Money Please provide plenty of money to the thirsty people. (32)