हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.120.3

मंडल 1 → सूक्त 120 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 120
ता वि॒द्वांसा॑ हवामहे वां॒ ता नो॑ वि॒द्वांसा॒ मन्म॑ वोचेतम॒द्य । प्रार्च॒द्दय॑मानो यु॒वाकुः॑ ॥ (३)
तुम सर्वज्ञों को हम बुलाते हैं. हे अभिज्ञो! तुम आज हमें ज्ञातव्य स्तोत्र बताओ. तुम्हारी कामना करता हुआ मैं तुमको हव्य देकर भली-भांति स्तुति करता हूं. (३)
You omniscient we call. O you know! You tell us the known hymn today. While wishing you, I praise you well. (3)