हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.139.7

मंडल 1 → सूक्त 139 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 139
ओ षू णो॑ अग्ने श‍ृणुहि॒ त्वमी॑ळि॒तो दे॒वेभ्यो॑ ब्रवसि य॒ज्ञिये॑भ्यो॒ राज॑भ्यो य॒ज्ञिये॑भ्यः । यद्ध॒ त्यामङ्गि॑रोभ्यो धे॒नुं दे॑वा॒ अद॑त्तन । वि तां दु॑ह्रे अर्य॒मा क॒र्तरी॒ सचा॑ँ ए॒ष तां वे॑द मे॒ सचा॑ ॥ (७)
हे अग्नि! तुम हमारे द्वारा स्तुत होकर हमारा आह्वान सुनो. तुम यज्ञ के योग्य एवं तेजस्वी देवों को यजमान के यज्ञकर्मो की सूचना देना. देवों ने अंगिरागोत्रीय ऋषियों को प्रसिद्ध गाय दी थी. अर्यमा ने अन्य देवों के साथ अग्नि के लिए उस गाय को दुहा. वे अर्यमा उस गाय को तथा मुझे जानते हैं. (७)
O fire! You are praised by us and listen to our call. You inform the worthy and bright gods of the yajnakaras of the host. The devas had given the famous cow to the Angiragotrian sages. Aryama milked that cow for fire along with other gods. They know that cow and me. (7)