हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.188.6

मंडल 1 → सूक्त 188 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 188
सु॒रु॒क्मे हि सु॒पेश॒साधि॑ श्रि॒या वि॒राज॑तः । उ॒षासा॒वेह सी॑दताम् ॥ (६)
सुंदर आभरण वाले एवं शोभनरूपसंपन्न अग्निरूपी रात और दिन अत्यंत शोभित होते हुए यहां बैठे. (६)
The beautifully filled and beautifully decorated firefighters sat here, night and day with great delight. (6)