हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.39.7

मंडल 1 → सूक्त 39 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 39
आ वो॑ म॒क्षू तना॑य॒ कं रुद्रा॒ अवो॑ वृणीमहे । गन्ता॑ नू॒नं नोऽव॑सा॒ यथा॑ पु॒रेत्था कण्वा॑य बि॒भ्युषे॑ ॥ (७)
हे रुद्रपुत्रो! हम पुत्र-प्राप्ति के लिए तुम्हारी रक्षणशक्ति की शीघ्र प्रार्थना करते हैं. पहले किए गए यज्ञों में हमारी रक्षा के लिए तुम जिस प्रकार आए थे, उसी प्रकार भयभीत एवं बुद्धिमान्‌ यजमान की रक्षा के लिए उनके समीप आओ. (७)
O rudraputras! We pray for your protective power to have a son soon. Just as you came to protect us in the yajnas performed earlier, come close to them to protect the fearful and wise. (7)