हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.7.2

मंडल 1 → सूक्त 7 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 7
इन्द्र॒ इद्धर्योः॒ सचा॒ सम्मि॑श्ल॒ आ व॑चो॒युजा॑ । इन्द्रो॑ व॒ज्री हि॑र॒ण्ययः॑ ॥ (२)
वज्र धारण करने वाले एवं सर्वाभरणभूषित इंद्र अपने आज्ञाकारी दोनों घोड़ों को अत्यंत शीघ्र रथ में जोतकर सबके साथ मिल जाते हैं. (२)
Indra, who wears a thunderbolt and is all-encompassing, plows both his obedient horses into the chariot very quickly and gets along with everyone. (2)