हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.8.6

मंडल 1 → सूक्त 8 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 8
स॒मो॒हे वा॒ य आश॑त॒ नर॑स्तो॒कस्य॒ सनि॑तौ । विप्रा॑सो वा धिया॒यवः॑ ॥ (६)
जो वीर पुरुष युद्धक्षेत्र में जाने वाले हैं, पुत्र पाने की इच्छा रखते हैं अथवा जो बुद्धिमान्‌ ज्ञान की अभिलाषा रखते हैं, वे सब इंद्र की कृपा से सिद्धि प्राप्त करें. (६)
All the brave men who are about to go to the battlefield, desire to have a son, or those who desire wise knowledge, all of them attain perfection by the grace of Indra. (6)