हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.8.9

मंडल 1 → सूक्त 8 → श्लोक 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 8
ए॒वा हि ते॒ विभू॑तय ऊ॒तय॑ इन्द्र॒ माव॑ते । स॒द्यश्चि॒त्सन्ति॑ दा॒शुषे॑ ॥ (९)
हे इंद्र! तुम्हारी विभूतियां हव्य प्रदान करने वाले हमारे समान यजमान की रक्षा करने वाली एवं शीघ्र फल देने वाली हैं. (९)
O Indra! Your personalities are going to protect the host like us and bear fruit quickly. (9)