ऋग्वेद (मंडल 1)
यू॒यं तत्स॑त्यशवस आ॒विष्क॑र्त महित्व॒ना । विध्य॑ता वि॒द्युता॒ रक्षः॑ ॥ (९)
हे यथार्थ शक्ति वाले मरुतो! तुम अपना उज्ज्वल महत्त्व प्रकट करके उपद्रवकारी राक्षसों को समाप्त करो. (९)
O Maruto of real power! You eliminate the fussy monsters by revealing your bright significance. (9)