ऋग्वेद (मंडल 1)
द्र॒वि॒णो॒दा द्रवि॑णसस्तु॒रस्य॑ द्रविणो॒दाः सन॑रस्य॒ प्र यं॑सत् । द्र॒वि॒णो॒दा वी॒रव॑ती॒मिषं॑ नो द्रविणो॒दा रा॑सते दी॒र्घमायुः॑ ॥ (८)
धन देने वाले अग्नि हमें स्थावर एवं जंगम संपत्ति का एक अंश दें. वे हमें वीर पुरुषों से युक्त अन्न एवं दीर्घ आयु दें. (८)
Give us a portion of real and movable assets. They give us food and long life with brave men. (8)