हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.97.2

मंडल 1 → सूक्त 97 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 97
सु॒क्षे॒त्रि॒या सु॑गातु॒या व॑सू॒या च॑ यजामहे । अप॑ नः॒ शोशु॑चद॒घम् ॥ (२)
हे अग्नि! हम शोभन क्षेत्र, शोभन मार्ग और धन की इच्छा से हवि द्वारा तुम्हारी पूजा करते हैं. हमारा पाप नष्ट हो. (२)
O agni! We worship you through Shobhan Kshetra, Shobhan Marga and the desire for wealth. Let our sins be destroyed. (2)