हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.154.3

मंडल 10 → सूक्त 154 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 154
ये युध्य॑न्ते प्र॒धने॑षु॒ शूरा॑सो॒ ये त॑नू॒त्यजः॑ । ये वा॑ स॒हस्र॑दक्षिणा॒स्ताँश्चि॑दे॒वापि॑ गच्छतात् ॥ (३)
हे प्रेत! तुम उन पितरों के समीप जाओ जो युद्धक्षेत्र में युद्ध करते हैं, जिन शूरों ने शरीर का मोह छोड़ दिया था अथवा जिन्होंने हजारों मुद्राएं दक्षिणा में दीं. (३)
Hey, Pret! you go to the pitars (ancestors) who fight in the battlefield, the brave who gave up the attachment of the body, or who gave thousands of mudras in the dakshina. (3)