हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.97.4

मंडल 10 → सूक्त 97 → श्लोक 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 97
ओष॑धी॒रिति॑ मातर॒स्तद्वो॑ देवी॒रुप॑ ब्रुवे । स॒नेय॒मश्वं॒ गां वास॑ आ॒त्मानं॒ तव॑ पूरुष ॥ (४)
हे माता के समान दिव्य ओषधियो! मैं तुम्हारे संबंधी वैद्य से इस प्रकार कहता हूं-“हे चिकित्सक! मैं तुम्हें घोड़ा, गाय, वस्त्र एवं स्वयं को दे सकता हूं.” (४)
O divine medicines like mother! I say to your relative's physician like this: "O doctor! I can give you a horse, a cow, a garment and myself." (4)