हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 2.29.6

मंडल 2 → सूक्त 29 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 2)

ऋग्वेद: | सूक्त: 29
अ॒र्वाञ्चो॑ अ॒द्या भ॑वता यजत्रा॒ आ वो॒ हार्दि॒ भय॑मानो व्ययेयम् । त्राध्वं॑ नो देवा नि॒जुरो॒ वृक॑स्य॒ त्राध्वं॑ क॒र्ताद॑व॒पदो॑ यजत्राः ॥ (६)
हे यज्ञ योग्य देवो! इस समय हमारे सामने आओ. मैं डरता हुआ तुम्हारे हृदय में आश्रय पाऊं. हे देवो! भेड़िए की हिंसा से हमें बचाओ. हे यज्ञपात्रो! हमें विपत्ति में डालने वालों से बचाओ. (६)
O god worthy of sacrifice! Come in front of us at this time. I may find refuge in your heart in fear. Oh, God! Save us from the violence of the wolf. O Yagyapatro! Save us from those who plunge us into adversity. (6)