हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 3.62.13

मंडल 3 → सूक्त 62 → श्लोक 13 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 3)

ऋग्वेद: | सूक्त: 62
सोमो॑ जिगाति गातु॒विद्दे॒वाना॑मेति निष्कृ॒तम् । ऋ॒तस्य॒ योनि॑मा॒सद॑म् ॥ (१३)
मार्ग को जानने वाला सोमरस गंतव्य स्थान दिखाता है एवं देवों के बैठने योग्य यज्ञस्थल में जाता है. (१३)
Somras, who knows the route, shows the destination and goes to the yagna sthal to the seatable place of the gods. (13)