हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 4.15.9

मंडल 4 → सूक्त 15 → श्लोक 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 4)

ऋग्वेद: | सूक्त: 15
ए॒ष वां॑ देवावश्विना कुमा॒रः सा॑हदे॒व्यः । दी॒र्घायु॑रस्तु॒ सोम॑कः ॥ (९)
हे तेजस्वी अश्विनीकुमारो! तुम्हें तृप्त करने वाला सहदेव का पुत्र कुमार सोमक राजा अधिक अवस्था वाला हो. (९)
O stunning Ashwinikumaro! Sahadeva's son Kumar Somak Raja, who satisfies you, is of greater status. (9)