ऋग्वेद (मंडल 4)
अपो॒षा अन॑सः सर॒त्सम्पि॑ष्टा॒दह॑ बि॒भ्युषी॑ । नि यत्सीं॑ शि॒श्नथ॒द्वृषा॑ ॥ (१०)
कामवर्षी इंद्र ने जब उषा की गाड़ी तोड़ डाली तो डरी हुई उषा टूटी हुई गाड़ी से नीचे उतरी. (१०)
When the working Indra broke usha's vehicle, the frightened usha got down from the broken vehicle. (10)