हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 6.16.30

मंडल 6 → सूक्त 16 → श्लोक 30 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 6)

ऋग्वेद: | सूक्त: 16
त्वं नः॑ पा॒ह्यंह॑सो॒ जात॑वेदो अघाय॒तः । रक्षा॑ णो ब्रह्मणस्कवे ॥ (३०)
हे जातवेद अग्नि! तुम पाप से हमारी रक्षा करो. हे मंत्रों के रचयिता अग्नि! अहित चाहने वालों से हमारी रक्षा करो. (३०)
O Jativeda Agni! You protect us from sin. O agni, the creator of mantras! Protect us from those who want to be offended. (30)