हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 6.56.3

मंडल 6 → सूक्त 56 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 6)

ऋग्वेद: | सूक्त: 56
उ॒तादः प॑रु॒षे गवि॒ सूर॑श्च॒क्रं हि॑र॒ण्यय॑म् । न्यै॑रयद्र॒थीत॑मः ॥ (३)
प्रेरक एवं रथस्वामियों में श्रेष्ठ पूषा सूर्य के सोने से बने रथ का पहिया भली प्रकार चलाते हैं. (३)
The best of the inductors and charioteers, The Pusha runs the wheel of the sun's chariot made of gold. (3)