ऋग्वेद (मंडल 7)
ता हि शश्व॑न्त॒ ईळ॑त इ॒त्था विप्रा॑स ऊ॒तये॑ । स॒बाधो॒ वाज॑सातये ॥ (५)
बुद्धिमान् लोग अपनी रक्षा के लिए इंद्र व अग्नि दोनों की इस प्रकार स्तुति करते हैं. समान कष्ट भोगने वाले लोग अन्न पाने के लिए स्तुति करते हैं. (५)
Wise people praise both Indra and Agni for their protection in this way. People suffering the same praise for getting food. (5)