ऋग्वेद (मंडल 8)
ताविद्दो॒षा ता उ॒षसि॑ शु॒भस्पती॒ ता याम॑न्रु॒द्रव॑र्तनी । मा नो॒ मर्ता॑य रि॒पवे॑ वाजिनीवसू प॒रो रु॑द्रा॒वति॑ ख्यतम् ॥ (१४)
हम जल की रक्षा करने वाले एवं प्रशंसायोग्य मार्ग पर चलने वाले अश्चिनीकुमारों को रात्रि, उषा एवं दिवस-सभी कालों में बुलाते हैं. हे अश्विनीकुमारो! हमारे शत्रुओं को अन्न एवं धन मत देना. (१४)
We call the Ashchinikumaras who guard the water and walk on the praiseworthy path at night, usha and day in all times. O Ashwinikumaro! Don't give food and money to our enemies. (14)