हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.38.6

मंडल 8 → सूक्त 38 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 38
इ॒मां गा॑य॒त्रव॑र्तनिं जु॒षेथां॑ सुष्टु॒तिं मम॑ । इन्द्रा॑ग्नी॒ आ ग॑तं नरा ॥ (६)
हे यज्ञ के नेता इंद्र व अग्नि! तुम गायत्री छंद में निर्मित इस स्तुति को स्वीकार करो एवं यहां आओ. (६)
O lord of the yajna, Indra and Agni! You accept this praise made in the Gayatri verse and come here. (6)