ऋग्वेद (मंडल 8)
मा नो॒ रक्ष॒ आ वे॑शीदाघृणीवसो॒ मा या॒तुर्या॑तु॒माव॑ताम् । प॒रो॒ग॒व्यू॒त्यनि॑रा॒मप॒ क्षुध॒मग्ने॒ सेध॑ रक्ष॒स्विनः॑ ॥ (२०)
हे दीप्तिरूपी धन वाले अग्नि! हमारे भीतर राक्षस एवं पीड़ा का प्रवेश न हो. अन्नाभाव एवं बलवान् राक्षसों को हमसे दूर रखो. (२०)
O agni of radiant wealth! Do not enter us with demons and suffering. Keep the demons and strong demons away from us. (20)