हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.5.27

मंडल 8 → सूक्त 5 → श्लोक 27 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 5
ए॒ताव॑द्वां वृषण्वसू॒ अतो॑ वा॒ भूयो॑ अश्विना । गृ॒णन्तः॑ सु॒म्नमी॑महे ॥ (२७)
हे अभिलाषापूरक एवं धनयुक्त अश्विनीकुमार! हम तुम्हारी स्तुति करते हुए तुमसे सीमित एवं सीमा से अधिक धन मांगते हैं. (२७)
This is a wishful and rich Ashwini Kumar! We praise you and ask you for limited and more money than the limit. (27)