ऋग्वेद (मंडल 8)
उ॒त त्वाम॑दिते मह्य॒हं दे॒व्युप॑ ब्रुवे । सु॒मृ॒ळी॒काम॒भिष्ट॑ये ॥ (१०)
हे महान् एवं सुख देने वाली अदिति देवी! मनचाहा फल पाने के लिए मैं तुम्हारी स्तुति करता हूं. (१०)
O great and happy Aditi Devi! I praise you for getting the desired fruit. (10)