हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.62.2

मंडल 8 → सूक्त 62 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 62
नि॒मिष॑श्चि॒ज्जवी॑यसा॒ रथे॒ना या॑तमश्विना । अन्ति॒ षद्भू॑तु वा॒मवः॑ ॥ (२)
हे अश्विनीकुमारो! आंखों के निमेष से भी अधिक गतिशील रथ द्वारा हमारे यज्ञ में आओ. तुम्हारी रक्षा हमारे समीप रहे. (२)
O Ashwinikumaro! Come to our yagna by a chariot more moving than the appearance of the eyes. May your defense be near us. (2)