हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.7.19

मंडल 8 → सूक्त 7 → श्लोक 19 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 7
इमा उ वः सुदानवो घृतं न पिप्युषीरिषः. वर्धान्काण्वस्य मन्मभिः.. (१९)
हे शोभन दान वाले मरुतो! घी की तरह शरीर को पुष्ट करने वाले इस अन्न की वृद्धि कण्व की स्तुतियों की भांति करो. (१९)
O you who don't have the gifts! Grow this grain that strengthens the body like ghee, like the praises of the kanva. (19)