हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.72.1

मंडल 8 → सूक्त 72 → श्लोक 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 72
दे॒वाना॒मिदवो॑ म॒हत्तदा वृ॑णीमहे व॒यम् । वृष्णा॑म॒स्मभ्य॑मू॒तये॑ ॥ (१)
हे अभिलाषापूरक देवो! हम अपने यज्ञ के उद्देश्य से तुम्हारी विशाल रक्षा पाने के लिए प्रार्थना करते हैं. (१)
Oh, god of desire! We pray for the purpose of our yajna to get your huge protection. (1)