ऋग्वेद (मंडल 8)
ति॒ग्ममायु॑धं म॒रुता॒मनी॑कं॒ कस्त॑ इन्द्र॒ प्रति॒ वज्रं॑ दधर्ष । अ॒ना॒यु॒धासो॒ असु॑रा अदे॒वाश्च॒क्रेण॒ ताँ अप॑ वप ऋजीषिन् ॥ (९)
हे इंद्र! तुम्हारा आयुध तेज है और मरुतों की सेना तुम्हारे साथ है. कौन तुम्हारे वज्र के प्रतिकूल आचरण कर सकता है? हे सोम पीने वाले इंद्र! तुम अपने चक्र द्वारा आयुधहीन एवं देवद्वेषी असुरों को दूर भगाओ. (९)
O Indra! Your armament is sharp and the army of the Maruts is with you. Who can act against your thunderbolt? O Som drinker Indra! You drive away the esudite and devout asuras through your chakra. (9)