ऋग्वेद (मंडल 9)
तमी॒मण्वीः॑ सम॒र्य आ गृ॒भ्णन्ति॒ योष॑णो॒ दश॑ । स्वसा॑रः॒ पार्ये॑ दि॒वि ॥ (७)
यज्ञ में सोमरस निचोड़ने वाले दिन सभी बहिनों के समान दस उंगलियां सोम को भली प्रकार ग्रहण करती हैं. (७)
On the day of squeezing somras in the yagna, ten fingers like all the sisters receive the soma well. (7)