हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.107.22

मंडल 9 → सूक्त 107 → श्लोक 22 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 107
मृ॒जा॒नो वारे॒ पव॑मानो अ॒व्यये॒ वृषाव॑ चक्रदो॒ वने॑ । दे॒वानां॑ सोम पवमान निष्कृ॒तं गोभि॑रञ्जा॒नो अ॑र्षसि ॥ (२२)
हे वर्षाकारक सोम, मसले जाते हुए एवं भेड़ के बालों से बने दशापवित्र पर छनते हुए सोम! तुम द्रोणकलश में शब्द करते हो. हे पवमान सोम! तुम गाय के दूध, दही के साथ मिलकर देवों के स्वच्छ स्थान को जाते हो. (२२)
O rain-fed Mon, Mon, going mashed and filtering on the dashapavittra made of sheep's hair! You make the word in dronakalash. O Pawman Mon! You go to the clean place of the gods together with cow's milk, curd. (22)