हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.34.1

मंडल 9 → सूक्त 34 → श्लोक 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 34
प्र सु॑वा॒नो धार॑या॒ तनेन्दु॑र्हिन्वा॒नो अ॑र्षति । रु॒जद्दृ॒ळ्हा व्योज॑सा ॥ (१)
निचुड़ते हुए सोम अध्वर्यु की प्रेरणा से दशापवित्र में जाते हैं तथा शत्रुओं की दृढ़ नगरियों को शिथिल बनाते हैं. (१)
With the inspiration of Adhavryu, the errant Som goes to Dashapavitra and relaxes the fortified cities of the enemies. (1)