हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.57.2

मंडल 9 → सूक्त 57 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 57
अ॒भि प्रि॒याणि॒ काव्या॒ विश्वा॒ चक्षा॑णो अर्षति । हरि॑स्तुञ्जा॒न आयु॑धा ॥ (२)
हरे रंग वाले सोम अपने सभी प्रीतिकर कर्मो को देखते हुए एवं अपने आयुधों को राक्षसों के प्रति फेंकते हुए हमारे यज्ञ में आते हैं. (२)
The green-coloured Mons come to our yagna, seeing all his loving deeds and throwing his weapons against the demons. (2)