हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.67.2

मंडल 9 → सूक्त 67 → श्लोक 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 67
त्वं सु॒तो नृ॒माद॑नो दध॒न्वान्म॑त्स॒रिन्त॑मः । इन्द्रा॑य सू॒रिरन्ध॑सा ॥ (२)
हे सोम! तुम ऋत्विजों को आनंदित करने वाले, यज्ञ धारण करने वाले, विद्वान्‌ एवं हमारे द्वारा निचोड़े गए हो. तुम हव्यरूप अन्न के साथ इंद्र को अतिशय मद करने वाले बनो. (२)
Hey Mon! You are the ones who make the ritvijas rejoice, the ones who wear the yagna, the scholars and have been squeezed by us. You should be the one who makes Indra very sweet with the food. (2)