ऋग्वेद (मंडल 9)
अरू॑रुचदु॒षसः॒ पृश्नि॑रग्रि॒य उ॒क्षा बि॑भर्ति॒ भुव॑नानि वाज॒युः । मा॒या॒विनो॑ ममिरे अस्य मा॒यया॑ नृ॒चक्ष॑सः पि॒तरो॒ गर्भ॒मा द॑धुः ॥ (३)
सूर्य से संबंधित एवं प्रमुख सोम दीप्तिशाली बनते हैं. जल बरसाने वाले सोम अन्न की इच्छा करते हुए प्राणियों को पुष्ट करते हैं. इन बुद्धिमान् सोम की बुद्धि द्वारा मनुष्यों को देखने वाले देव संसार को बनाते हैं एवं पालक देव ओषधियों में गर्भ धारण करते हैं. (३)
Related to the Sun and the chief som becomes radiant. The som who showers water reinforces the beings by wanting food. Through the wisdom of these wise somas, the gods who see human beings make up the world and the guardian god conceives in the medicines. (3)