हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.90.3

मंडल 9 → सूक्त 90 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 90
शूर॑ग्रामः॒ सर्व॑वीरः॒ सहा॑वा॒ञ्जेता॑ पवस्व॒ सनि॑ता॒ धना॑नि । ति॒ग्मायु॑धः क्षि॒प्रध॑न्वा स॒मत्स्वषा॑ळ्हः सा॒ह्वान्पृत॑नासु॒ शत्रू॑न् ॥ (३)
हे शूर, समुदाय के स्वामी एवं वीरों से युक्त सोम! तुम सामर्थ्य वाले, विजयी धनों को एकत्र करने वाले, तीखे आयुधों वाले, तीव्र गति वाले, धनुष के धारक, युद्धों में असहनीय एवं शत्रुसेनाओं को हराने वाले हो. (३)
O Shur, the lord of the community and the soothsome with heroes! You are powerful, victorious, the gatherers of winning wealth, the sharp armaments, the high-speed ones, the holders of the bow, the intolerable in wars and the defeaters of the enemy forces. (3)