हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.92.5

मंडल 9 → सूक्त 92 → श्लोक 5 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 92
तन्नु स॒त्यं पव॑मानस्यास्तु॒ यत्र॒ विश्वे॑ का॒रवः॑ सं॒नस॑न्त । ज्योति॒र्यदह्ने॒ अकृ॑णोदु लो॒कं प्राव॒न्मनुं॒ दस्य॑वे कर॒भीक॑म् ॥ (५)
पवमान सोम का वह प्रसिद्ध स्थान हमें प्राप्त हो, जहां सभी स्तोता एकत्र होते हैं. सोम की जो ज्योति दिन के लिए प्रकाश देती हैं, उसने मनु की भली-भांति रक्षा की. सोम ने अपना तेज राक्षसों के लिए नष्ट करने वाला किया था. (५)
We may find the famous place of Pavman Som, where all the hymns gather. The light of Som for the day protected Manu well, which gave him light, and Soma had done his fast to destroy the demons. (5)